February 17, 2025

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भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है: राजनीति के दो महत्वपूर्ण पद

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भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है: राजनीति के दो महत्वपूर्ण पद

भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन है भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देश के दो सर्वोच्च संवैधानिक पद हैं। राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है और उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में, उसकी शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करता है।

राष्ट्रपति

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति की कार्यकाल की अवधि 5 वर्ष होती है।

राष्ट्रपति की प्रमुख भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • वह भारत का प्रमुख होता है और देश की एकता और अखंडता की रक्षा का वचन देता है।
  • वह भारत के संविधान के संरक्षक होते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि संविधान के प्रावधानों का पालन किया जाए।
  • वह भारत की संसद के दोनों सदनों को बुलाते हैं और भंग कर सकते हैं।
  • वह भारत की मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं और प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं।
  • वह भारत की विदेश नीति के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति की कार्यकाल की अवधि 5 वर्ष होती है।

उपराष्ट्रपति की प्रमुख भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • वह राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में, राष्ट्रपति की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करता है।
  • वह राज्यसभा के अध्यक्ष होते हैं और सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
  • वह राष्ट्रपति के अनुरोध पर, संसद के दोनों सदनों के बीच मध्यस्थता करते हैं।
  • वह भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करते हैं और वहां के लोगों से मिलते हैं।

वर्तमान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति

वर्तमान में, भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं, जो भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। उनका चुनाव 2023 में हुआ था। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं, जो 2022 में निर्वाचित हुए थे।

भारत गणराज्य, एक बड़ा और विविध देश है जिसमें राजनीति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस विशाल देश की राजनीति के प्रमुख शीर्षकों में से एक है राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद। यह दो पद देश के संविधानिक व्यक्तियों को प्रतिष्ठित करते हैं और उनका कार्यकाल भारतीय संविधान के अनुसार निर्धारित होता है। इस लेख में, हम आपको भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे कि इन पदों की भूमिका, चयन प्रक्रिया, और इन पदों पर कार्य कर रहे व्यक्तियों के बारे में।

राष्ट्रपति की भूमिका:

राष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुसार देश के प्रमुख गणराज्यप्रमुख होते हैं। उन्हें देश के सबसे उच्च नागरिक पद का मान दिया गया है और उन्हें भारतीय संविधान की पारंपरिक भूमिका का पालन करना होता है। राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, और वे एक बार चुनकर केवल एक बार राष्ट्रपति बन सकते हैं।

राष्ट्रपति के कार्यक्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जैसे कि वे विभिन्न भारतीय सरकारी प्राधिकृतियों के प्रमुख होते हैं, विदेश यात्राएँ करते हैं, और संविधान के अनुसार विभिन्न आपत्तियों का समाधान करते हैं। वे भारतीय संविधान के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्यक्ष रूप से कुछ निर्णय लेने का अधिकार भी रखते हैं, लेकिन इसका प्रयोग वे संविधान के प्रावधानों के अनुसार करते हैं।

राष्ट्रपति का चयन प्रक्रिया:

भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का चयन भारतीय संसद के दो सदनों, लोक सभा और राज्य सभा, के सदस्यों द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति का चयन निर्वाचन कमिशन के माध्यम से होता है, जो एक अस्तित्वरत संस्था है और स्वतंत्रता से काम करती है।

राष्ट्रपति का चयन प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण होती है और इसमें कई चरण होते हैं। सदस्यों के द्वारा प्रस्तावना और उम्मीदवारों के द्वारा उम्मीदवार दिनांकों के द्वारा प्रस्तुत की जाती है, और फिर उम्मीदवारों का चयन एक वोटिंग प्रक्रिया के माध्यम से होता है। उम्मीदवार जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करते हैं, वही राष्ट्रपति बनते हैं।

राष्ट्रपति के पद पर आवेदन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड होते हैं, जैसे कि उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए, कम से कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए, और उम्मीदवार को किसी भी राज्य के लिए सदस्यता दर्ज करानी होती है।

उपराष्ट्रपति की भूमिका:

उपराष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के पद का सहायक होते हैं। उन्हें देश के दूसरे सबसे उच्च नागरिक पद का मान दिया गया है, और उनका कार्यकाल भी पांच वर्ष का होता है, जो राष्ट्रपति के कार्यकाल के समय सीमित होता है।

उपराष्ट्रपति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे राष्ट्रपति के अभाव में उनकी कार्यक्षेत्र में कार्यभार संभालते हैं। उन्हें राष्ट्रपति के साथ मिलकर देश की सार्वजनिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना होता है, और वे राष्ट्रपति के कार्यों का सहयोग करते हैं।

उपराष्ट्रपति का चयन प्रक्रिया:

उपराष्ट्रपति का चयन भी भारतीय संसद के दो सदनों, लोक सभा और राज्य सभा, के सदस्यों द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति का चयन राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया के बाद होता है, जिसमें राष्ट्रपति एक उम्मीदवार का चयन करते हैं।

वर्तमान में भारत का राष्ट्रपति कौन है ~ 2021

उपराष्ट्रपति की पद के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड होते हैं, जैसे कि उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए, कम से कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए, और उम्मीदवार को किसी भी राज्य के लिए सदस्यता दर्ज करानी होती है।

भारत के वर्तमान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति:

वर्तमान में, भारत के राष्ट्रपति श्रीरामनाथ कोविंद हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य थे और उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में उपाधि ग्रहण की।

उपराष्ट्रपति के पद पर वर्तमान में, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य वेंकैया नायडू हैं। वे 11 अगस्त 2017 से उपराष्ट्रपति के पद पर हैं।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की भूमिका और कार्यक्षेत्र:

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद भारतीय संविधान के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। राष्ट्रपति देश के सबसे ऊँचे पद पर होते हैं और उन्हें देश की सुरक्षा, संविधान की पालना, और सरकार के सम्बालन का महत्वपूर्ण भूमिका देनी होती है। उन्हें देश की उन्नति और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ते हैं।

उपराष्ट्रपति भी राष्ट्रपति के साथ मिलकर देश की प्रशासनिक कार्यवाही में भाग लेते हैं। वे राष्ट्रपति के अभाव में उनके कार्यों का सहयोग करते हैं और देश की बढ़ती हुई आवश्यकताओं का सम्मान करते हैं। उन्हें देश के साथी और बाहरी देशों के अधिकारियों के साथ भी संवाद करना होता है और विभिन्न दूतावासों में प्रतिष्ठित अतिथियों का स्वागत करना होता है।

समापन:

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद भारतीय संविधान के साथ मिलकर देश के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन पदों को प्राप्त करने के लिए विशेष पात्रता मानदंड होते हैं और चयन प्रक्रिया दिलचस्प और निर्वाचन सदस्यों के वोटिंग के माध्यम से होता है। यह दो पद देश की संविधानिक दरबार को प्रतिष्ठित करते हैं और देश के उन्नति और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन पदों पर बैठने वाले व्यक्तियों का कार्यकाल और अधिकार संविधान के अनुसार सीमित होते हैं, लेकिन उनकी भूमिका देश के संघर्षों और सफलताओं के इतिहास के हिस्से के रूप में बनी रहती है।

निष्कर्ष

भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देश के दो सर्वोच्च संवैधानिक पद हैं। उनके पास महत्वपूर्ण शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं, जो देश की एकता, अखंडता और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।